समय बर्बाद! 25 मिनट ऐड दिखाना PVR आईनॉक्स को पड़ा मंहगा, भरना पड़ा मोटा हर्जाना, जानिए पूरा मामला
बेंगलुरु के एक शख्स ने PVR-आईनॉक्स और बुकमायशो के खिलाफ उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म शुरू होने से पहले थिएटर में 25 मिनट तक विज्ञापन दिखाए गए, जिससे उनका कीमती समय बर्बाद हुआ.

बेंगलुरु के एक युवक ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उपभोक्ता अदालत में जीत हासिल की, जब उसने पीवीआर सिनेमा और आईनॉक्स पर फिल्म से पहले 25 मिनट तक विज्ञापन दिखाकर उसका समय बर्बाद करने का आरोप लगाया. इस फैसले में अदालत ने 'समय को धन के समान' बताते हुए थिएटर चेन पर भारी जुर्माना लगाया और युवक को 65,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.
यह मामला उन लोगों के लिए एक मिसाल बन सकता है, जो फिल्म देखने जाते हैं और बिना सहमति के लंबे विज्ञापनों को झेलने के लिए मजबूर होते हैं. अदालत के इस फैसले से उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर एक नया मानक स्थापित हुआ है.
क्या था पूरा मामला?
बेंगलुरु के 30 वर्षीय अभिषेक एमआर ने उपभोक्ता अदालत में पीवीआर सिनेमा, आईनॉक्स और बुकमायशो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने 2023 में फिल्म ‘सैम बहादुर’ का शाम 4:05 बजे का शो बुक किया था. उनकी योजना फिल्म खत्म होने के बाद काम पर लौटने की थी, लेकिन जब उन्होंने देखा कि फिल्म 4:30 बजे शुरू हुई, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनके 25 मिनट सिर्फ विज्ञापन और ट्रेलरों में बर्बाद हो गए.
कोर्ट में क्या दलील दी गई?
अभिषेक ने शिकायत में कहा, "थिएटर में दिखाए गए अतिरिक्त विज्ञापनों की वजह से मेरी अन्य योजनाएं और अपॉइंटमेंट प्रभावित हुए, जिससे मुझे आर्थिक और मानसिक नुकसान हुआ. यह एक अनुचित व्यापारिक प्रथा है, जिसमें उपभोक्ताओं को गुमराह कर अनुचित लाभ कमाया जा रहा है."
उन्होंने आगे कहा कि उनका कीमती समय बर्बाद हुआ, और उन्हें पहले से बताए गए समय की तुलना में आधे घंटे देरी से फिल्म दिखाई गई. यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन था, क्योंकि टिकट खरीदते समय इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
अदालत का बड़ा फैसला
15 फरवरी को दिए गए अपने आदेश में उपभोक्ता अदालत ने स्पष्ट किया कि "किसी को भी दूसरों के समय और धन से अनुचित लाभ उठाने का अधिकार नहीं है." अदालत ने पीवीआर और आईनॉक्स पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और शिकायतकर्ता को 50,000 रुपये का हर्जाना, मानसिक पीड़ा के लिए 5,000 रुपये और कानूनी खर्च के लिए 10,000 रुपये देने का आदेश दिया.
बुकमायशो को मिली राहत
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बुकमायशो सिर्फ एक टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म है और इसका विज्ञापनों के प्रसारण से कोई संबंध नहीं है, इसलिए उसे किसी भी दावे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं माना गया.
पीवीआर-आईनॉक्स का बचाव
पीवीआर और आईनॉक्स ने अदालत में तर्क दिया कि उन्हें कानून के तहत कुछ सार्वजनिक सेवा घोषणाएं (PSA) दिखाने का दायित्व है. हालांकि, अदालत ने कहा कि ऐसे वीडियो फिल्म शुरू होने से 10 मिनट पहले या इंटरवल के दौरान दिखाए जाने चाहिए, न कि पूरी फिल्म के निर्धारित समय को बढ़ाकर.
उपभोक्ताओं के लिए क्या सीख?
यह मामला उन सभी उपभोक्ताओं के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हैं. यदि थिएटर कंपनियां टिकट बुकिंग के दौरान विज्ञापन अवधि की स्पष्ट जानकारी नहीं देती हैं, तो इसे अनुचित व्यापारिक प्रथा माना जा सकता है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.