Budget 2025: कस्टम ड्यूटी पर माफी योजना का हो सकता है ऐलान, कारोबारियों को राहत की उम्मीद
Budget 2025: प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के प्रबंध निदेशक अनुराग सहगल ने कहा कि उद्योग की मुख्य मांगें निश्चित रूप से सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप होंगी और सरकार का एक उद्देश्य मुकदमेबाजी में कमी लाना है.

Budget 2025: इस बार आम बजट में कई बड़े फैसले होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसका मुख्य उद्देश्य देश की धीमी अर्थव्यवस्था को तेज करना और प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देकर बाजार में नौकरियों के अवसर बढ़ाना होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी.
प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के अनुसार, वित्त मंत्री इस बजट में कारोबार को आसान बनाने के लिए कस्टम ड्यूटी पर माफी योजना का ऐलान कर सकती हैं. सरकार पहले भी एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और इनकम टैक्स के लिए माफी योजनाएं ला चुकी है, लेकिन सीमा शुल्क के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया था. अनुमान है कि सीमा शुल्क से संबंधित 40,000 से ज्यादा मामले अदालतों और न्यायाधिकरणों में लंबित हैं.
मुकदमेबाजी के समाधान की जरूरत
कंसल्टिंग फर्म ईवाई इंडिया ने कहा कि कस्टम ड्यूटी से संबंधित मुकदमे लंबी प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं, जिनका समाधान करने के लिए सरकार और करदाताओं दोनों को समय और प्रयास खर्च करना पड़ता है. ईवाई ने यह सुझाव दिया कि इन विवादों के समाधान के लिए एक एकमुश्त समाधान योजना शुरू की जानी चाहिए. डेलॉयट इंडिया के साझेदार महेश जयसिंह ने भी कहा कि सरकार को लंबित मुकदमेबाजी को समाप्त करना चाहिए, ताकि न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव कम हो सके और तकनीकी प्रगति के साथ कानून को अपडेट किया जा सके.
'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए बदलाव जरूरी
महेश जयसिंह ने कहा कि एक माफी योजना उद्योग के लिए बहुत फायदेमंद होगी, खासकर छोटे व्यवसायों के लिए जो पुराने विवादों से बचने और एक साफ छवि के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं. इसके अलावा, सीमा शुल्क के मामलों में उद्योग की एक और मांग है कि 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी की दरों को तर्कसंगत किया जाए. उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं आ रही हैं, और यदि कस्टम ड्यूटी दरों को सही किया जाए, तो इससे भारत में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.