Davos 2025 Spotlight: यूपी की नजर WEF पर, 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सपने को साकार...
दावोस में WEF 2025 में भारत अपने सबसे बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ एक मजबूत छाप छोड़ रहा है. इसका लक्ष्य अपनी आर्थिक क्षमता और नवाचार को प्रदर्शित करना है. उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने पर ध्यान केंद्रित करके सबसे आगे है.

यूपी न्यूज: उत्तर प्रदेश स्विटजरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच 2025 में निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में अमित सिंह (मुख्यमंत्री के सचिव), प्रथमेश कुमार (अतिरिक्त सीईओ, इन्वेस्ट यूपी) और अनुपम शुक्ला (निदेशक, ऊर्जा संसाधन विभाग) जैसे प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। फोरम में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों के प्रतिनिधिमंडल भी भाग ले रहे हैं.
यह दूसरी बार है, जब यूपी पैवेलियन राज्य की विकास पहलों और निवेशक-अनुकूल नीतियों को प्रदर्शित करेगा. और निवेश की संभावनाओं और प्रमुख क्षेत्रों का पता लगाने के लिए अधिकारियों के साथ सीधे बातचीत के अवसर प्रदान करेगा. यूपी सरकार के अधिकारी राज्य में विदेशी निवेश लाने के लिए नेस्ले, हेनेकेन, बडवाइजर, यूपीएल, पेप्सी, कोक और डसॉल्ट के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारियों सहित शीर्ष उद्योग नेताओं से मिलेंगे.
लक्षित क्षेत्रीय नीतियों को तैयार करना...
प्रतिनिधिमंडल का ध्यान उत्तर प्रदेश को पांच साल के भीतर 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर है. प्रयासों में पर्यटन, बुनियादी ढांचे, हवाई अड्डों, एक्सप्रेसवे को बढ़ावा देना और निवेश आकर्षित करने के लिए लक्षित क्षेत्रीय नीतियों को तैयार करना शामिल है.
4,000 करोड़ रुपए के उल्लेखनीय समझौता ज्ञापन
2024 फोरम ने राज्य के लिए सकारात्मक परिणाम दिए, जिसमें अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ प्रौद्योगिकी परियोजना के लिए हीरो फ्यूचर एनर्जीज ग्रुप के साथ 4,000 करोड़ रुपए के उल्लेखनीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. प्रतिनिधिमंडल ने कार्ल्सबर्ग समूह, बडवाइजर, कैपजेमिनी, वेब वर्क्स, पेप्सिको फाउंडेशन, यारा इंटरनेशनल, बेयर क्रॉप साइंस, लुलु ग्रुप, टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स, क्लाइमेट एआई, डेलोइट इंडिया और विश्व आर्थिक मंच में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश, खाद्य और जल, और स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की.
WEF 2025 में भारत केंद्रीय स्थान पर
WEF 2025 में , भारत पांच प्रमुख कार्यधाराओं-विकास की पुनर्कल्पना, लोगों में निवेश, विश्वास का पुनर्निर्माण, बुद्धिमान युग में उद्योग और ग्रह की सुरक्षा में समाधान प्रस्तुत करने में केंद्रीय भूमिका निभाएगा. भारत WEF 2025 में अपना अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है. इसमें पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री, कई राज्य मंत्री, लगभग 100 सीईओ तथा सरकार, नागरिक समाज और कला एवं संस्कृति क्षेत्र के प्रमुख नेता शामिल होंगे.
'एक राष्ट्र, एक आवाज़'
भारतीय प्रतिनिधिमंडल "एक राष्ट्र, एक आवाज़" थीम के तहत एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगा, जिसका नेतृत्व प्रमुख सरकारी मंत्रियों और राज्य प्रतिनिधियों की एक हाई-प्रोफाइल टीम करेगी. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रेलवे, सूचना और प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव कर रहे हैं. उनके साथ जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी भी शामिल हैं.
डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश पर चर्चा
केंद्रीय मंत्री अश्विनि वैष्णव ने दावोस रवाना होने से पहले कहा कि विश्व आर्थिक मंच में हमारी विधार प्रक्रिया, पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीति और डिजिटल परिवर्तन को समझाने में गहरी रुचि है. भारत ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक नया डिजिटल आर्किटेक्चर बनाया है. उन्होंने बताया कि इस बैठक में समावेशी विकास, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश पर चर्चा होगी. प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर विचार होगा.
दावोस में भारत की उन्रित और नवाचार पर विशेष ध्यान रहेगा. उन्होंने बताया कि इस बैठक में समावेशी विकास, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश पर चर्चा होगी। प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर भी विचार होगा। दावोस में भारत की उन्नति और नवाचार पर विशेष ध्यान रहेगा।