मारबर्ग वायरस: एक नया खतरा, जो कोविड से कई गुना खतरनाक
Marburg virus: अफ्रीका में मारबर्ग वायरस के 25 मामले सामने आए हैं जिसमें 6 मौतें भी शामिल हैं. यह वायरस कोविड-19 से कई गुना खतरनाक है क्योंकि इसकी मृत्यु दर 70 से 90 फीसदी है. इसके फैलने का मुख्य कारण संक्रमित चमगादड़ों से इंसानों में संक्रमण है. जबकि इसका कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है. लक्षणों के आधार पर ही उपचार किया जाता है. स्वास्थ्य संगठन इस बढ़ते खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं. जानिए इस जानलेवा वायरस के बारे में और क्यों यह एक नया खतरा बन रहा है.
Marburg virus: हाल ही में, अफ्रीका के कुछ देशों में मारबर्ग वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे स्वास्थ्य संगठनों में चिंता का माहौल है. इस वायरस के 25 मामले सामने आए हैं, जिसमें 6 मरीजों की मौत हो चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए अफ्रीकी देशों को सावधानी बरतने की सलाह दी है.
मारबर्ग वायरस कोई नया नाम नहीं है. यह पहले भी कई बार सक्रिय हो चुका है, लेकिन हाल के मामलों ने इसे फिर से चर्चा का विषय बना दिया है. यह वायरस कोविड-19 की तुलना में कहीं अधिक जानलेवा है क्योंकि इसकी मृत्यु दर लगभग 70 से 90 फीसदी है, जबकि कोविड में यह आंकड़ा केवल 2 फीसदी था. पिछले साल गिनी में मारबर्ग वायरस ने 12 लोगों की जान ली थी और इससे पहले भी 2012 में इसकी चपेट में आने से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे.
कैसे फैलता है मारबर्ग वायरस?
मारबर्ग वायरस मुख्यतः संक्रमित चमगादड़ से इंसान में फैलता है. जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आता है तो वायरस आसानी से एक से दूसरे में संक्रमण फैला सकता है. यह वायरस ब्लड पर असर डालता है, जिससे इंटरनल ब्लीडिंग होने लगती है. इसके कारण यह बुखार बेहद खतरनाक हो जाता है.
लक्षण क्या हैं?
मारबर्ग वायरस के संक्रमण के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- ठंड लगना
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- गले में खराश
- स्किन पर दाने निकलना
क्या है इलाज?
महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, मारबर्ग वायरस का कोई विशेष इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. इस वायरस के खिलाफ केवल लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाता है. अगर वायरस अंगों पर असर डालना शुरू कर देता है और ब्लीडिंग होती है, तो मरीज की जान बचाना काफी मुश्किल हो जाता है.
मारबर्ग वायरस का बढ़ता खतरा एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि हम सभी को स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए. स्वास्थ्य संगठनों की सलाहों का पालन करना और सतर्क रहना आवश्यक है. इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि हम इसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित कर सकें. वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना होगा, ताकि आने वाले खतरों का सामना किया जा सके.