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कोटे के अंदर कोटा: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कैसे बदलेगी सियासत?

Subclassification in SC/ST Quota: आरक्षण को लेकर देश में राजनीतिक जंग जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति में वर्गीकरण को लेकर मंजूरी दे दी है. कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि सरकार चाहें तो ST/SC के भीतर और वर्गीकरण किया जा सकता है. इसे लेकर सियासी दल शांत हैं. ऐसे में जानिए अब कैसे देश की सियासत इस फैसले के बाद बदलेगी?

Subclassification in SC/ST Quota: अगस्त की पहली तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इसमें अदालत ने आरक्षण व्यवस्था में नई चीज जोड़ने की अनुमति दे दी है. इसमें कहा गया है कि राज्य चाहें तो वो SC/SC में सब क्लासिफिकेशन कर सकते हैं. अब इस फैसले के बाद सियासी दल शांत हैं तो कुछ दबी जुबान में अपनी बात कह रहे हैं. यानी इससे आरक्षण व्यवस्था के साथ ही सियासत भी बदलने वाली है.

1990 में मंडल कमीशन से उत्तर भारत की राजनीति को बदल गई थी. पिछड़ों की की बात करने वाले समाजवादी पार्टी और राजद जैसे दलों ने इसी जमीन पर जन्म लिया. बाद में भाजपा का उदय हुआ तो ओबीसी वर्गीकरण के लिए आयोग बना दिया गया. आरक्षण के बाद भी देश में बड़ी संख्या में आरक्षित वर्ग को लाभ नहीं मिल पाया. हालांकि, किसी सियासी दल ने इसके लिए फैसला नहीं लिया. अब देखना होगा इस फैसले से सियासत कितनी बदलती है.

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