ममता बनर्जी का बड़ा बयान: क्या दुर्गा पूजा का बहिष्कार होगा सफल?
Mamta Banerjee: सीएम ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा का बहिष्कार करने की मांग पर जवाब देते हुए कहा कि बंगाल के लोग सालभर इस त्योहार का इंतजार करते हैं. उन्होंने कहा कि त्योहार सभी को जोड़ते हैं और हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं. पीड़िता के परिवार ने भी दुर्गा पूजा मनाने से मना किया है. जानिए, ममता का क्या कहना है और इस मुद्दे का राजनीतिक और सामाजिक पहलू क्या है!
Mamta Banerjee: पश्चिम बंगाल में हर साल त्योहारों का मौसम बड़ा धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल दुर्गा पूजा से पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन मांगों का जवाब दिया है जिनमें कुछ समूहों ने दुर्गा पूजा का बहिष्कार करने की बात की थी. उनका कहना है कि यह त्योहार लोगों के दिलों में बसा हुआ है और इसे पूरी तैयारी से मनाना चाहिए.
ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा, 'बंगाल के लोग पूरे साल विभिन्न उत्सवों का बेसब्री से इंतजार करते हैं.' उन्होंने यह बयान कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई हालिया घटनाओं के संदर्भ में दिया, जिसमें रेप और मर्डर का मामला शामिल है. इन घटनाओं के खिलाफ न्याय की मांग करने वालों में से कुछ ने दुर्गा पूजा का बहिष्कार करने की बात कही थी लेकिन ममता का मानना है कि उत्सव सभी को एकजुट करने का काम करते हैं.
पीड़िता के परिवार का दर्द
दुर्गा पूजा के बहिष्कार की मांग पीड़िता के परिजनों द्वारा भी की गई है. पीड़िता के परिवार ने कहा, 'हम हर साल दुर्गा पूजा मनाते थे लेकिन अब हम कभी भी ऐसा नहीं करेंगे.' यह बयान इस दर्दनाक घटना के बाद उनके गहरे दुख को दर्शाता है. इस स्थिति को देखते हुए ममता ने कहा कि त्योहारों का आयोजन सभी के लिए जरूरी है और यह बंगाली संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
उत्सवों में समावेशिता का महत्व
सीएम ममता ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मुखपत्र जागो बांग्ला के पूजा संस्करण के विमोचन के मौके पर कहा, 'हमारे उत्सव पूरे साल चलने वाले हैं और ये हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं.' उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्सवों में समावेशिता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये सभी समुदायों को जोड़ते हैं.
दुर्गा पूजा का महत्व
ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, 'यह त्यौहारी मौसम की शुरुआत का प्रतीक है. दुर्गा पूजा के बाद दिवाली, काली पूजा और छठ पूजा जैसे अन्य त्यौहार आते हैं. यह मौसम दिसंबर में क्रिसमस तक चलता है.' उनका कहना है कि बंगाल की सांस्कृतिक धारा में त्योहारों का विशेष स्थान है और इनसे लोगों का जुड़ाव बहुत गहरा है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह बयान स्पष्ट करता है कि त्योहार सिर्फ एक दिन का समारोह नहीं हैं बल्कि ये हमारी संस्कृति और पहचान का हिस्सा हैं. दुर्गा पूजा जैसे उत्सवों का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक भी है. ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि इस संकट के समय में हमें एकजुटता और सहानुभूति की भावना को बनाए रखना चाहिए. क्या बंगाल के लोग अपनी संस्कृति को जीवित रख पाएंगे यह आने वाला समय ही बताएगा.