जम्मू-कश्मीर में फिर दिखे पाक ड्रोन, गोलीबारी में बीएसएफ जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के आर.एस. पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी में बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ शहीद हो गए. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी इम्तियाज़ सीमा पर ड्यूटी निभा रहे थे जब उन्हें गोली लगी. यह घटना भारत-पाक संघर्षविराम समझौते के कुछ घंटों बाद हुई, जिसे पाकिस्तान ने तोड़ दिया. कई सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया है. इम्तियाज़ को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, और उनकी शहादत को पूरे देश ने श्रद्धांजलि दी.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

जम्मू-कश्मीर के आर.एस. पुरा सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्षविराम उल्लंघन के दौरान सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ वीरगति को प्राप्त हो गए. वे सीमा पर अपनी ड्यूटी के दौरान पाकिस्तानी गोलीबारी का सामना कर रहे थे, जब अचानक की गई फायरिंग में उन्हें गोली लग गई. गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वे बच नहीं सके.

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी थे

मोहम्मद इम्तियाज़ उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति बेहद समर्पित माना जाता था. वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने देश की रक्षा में कई बार कठिन परिस्थितियों का सामना किया. उनकी शहादत ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को गर्व और दुःख दोनों का अनुभव कराया है.

पाकिस्तान ने फिर तोड़ा युद्धविराम

यह घटना ऐसे समय पर सामने आई जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर औपचारिक सहमति बनी थी. दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद यह तय किया गया था कि किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई को शाम 5 बजे के बाद रोका जाएगा. लेकिन पाकिस्तान ने इस समझौते को कुछ ही घंटों में तोड़ते हुए आर.एस. पुरा सेक्टर सहित कई अन्य इलाकों में गोलीबारी शुरू कर दी.

सीमा पर बढ़ा तनाव

आर.एस. पुरा, सांबा, राजौरी, पुंछ और अखनूर जैसे क्षेत्रों में फायरिंग और ड्रोन गतिविधियों से तनाव बढ़ गया है. सीमा के निकटवर्ती गांवों में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और कई जगहों पर एहतियातन ब्लैकआउट भी लागू कर दिया गया है. बीएसएफ और भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है.

शहीद जवान को अंतिम सलामी

सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ को उनके यूनिट और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया गया, जहां स्थानीय लोग और प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार में शामिल हुए. शहीद जवान के बलिदान को हर ओर श्रद्धांजलि दी जा रही है.

देशभर में गूंजा शोक और सम्मान

देश के कोने-कोने से लोगों ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इम्तियाज़ को श्रद्धांजलि दी. उनका यह बलिदान देश की सुरक्षा के लिए प्रेरणा बना रहेगा. वहीं, सरकार की ओर से उनके परिवार को सहायता और सम्मान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

शहीद जवानों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी

सरकार और सेना ने साफ किया है कि सीमा की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले हर जवान की शहादत का जवाब दिया जाएगा और देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

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10 May 2025, 10:26 PM IST

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