अमेरिका को क्यों है ‘ईर्ष्या’? PM मोदी के मॉस्को दौरे से पहले रूस ने किया दावा
PM Modi Moscow Visit: PM मोदी आज रूस के दौरे पर जाने वाले हैं. जहां वो दो दिन तक रहेंगे. इससे पहले देश ही नहीं दुनिया में भी इस दौरे की चर्चा होने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दौरे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. इससे पहले रूस का एक बयान आया है जिसमें पश्चिमी देशों के जलन वाली बात कही गई है. आइये जानें इसके मायने क्या हैं?

PM Modi Moscow Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर जा रहे हैं. वो यहां 2 दिन तक रहेंगे. PM मोदी के मॉस्को को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी उत्साहित हैं. अब रूस से एक बयान आया है जिसमें ये कहा जा रहा है कि पश्चिमी देश खासकर अमेरिका को इस दौरे से ‘ईर्ष्या’ हो रही है. आइये जानें इस बयान का मतलब क्या है और अगर अमेरिका को समस्या है तो क्यों है?
बता दें प्रधानमंत्री मोदी 8-10 जुलाई को रूस दौरे पर जा रहे हैं. रूस के बाद वो 10 जुलाई को ऑस्ट्रिया भी जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा दोनों देशों के लिए ये काफी खास है. इस दौरान शिखर सम्मेलन स्तर की चर्चा होगी. ये भारत और रूस के बीच 22वां शिखर सम्मेलन होगा.
रूस ने दिया बयान
प्रधानमंत्री मोदी के मॉस्को दौरे को लेकर रूस भी उत्सुक है. वो भारत के साथ संबंधों का खास मानता है. इसी कारण उनके मास्को पहुंचने से पहले रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश इस यात्रा को ‘ईर्ष्या’ से देख रहे हैं. रूस ने नाम नहीं लिया लेकिन उसका इशारा अमेरिका की ओर था. उन्होंने कहा कि मॉस्को में दोनों नेता बातचीत भी करेंगे. ये आधिकारिक यात्रा है. इससे हमें काफी उम्मीद है.
क्यों हो सकती है ईर्ष्या?
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. जब इसकी शुरुआत ही हुई थी तो रूस तेल कम दामों में बेच रहा था. अमेरिका चाहता था कि वो भारत इससे तेल न खरीदे. हालांकि, हिंदुस्तान ने अपनी शर्तों पर अपनी विदेश नीति जारी रखी और रूस से तेल भी खरीदा. अमेरिका चाह रहा था कि भारत उसकी बात माने और रूस की आलोचना करे. हालांकि भारत ने अपने मन का करना उचित समझा.
2019 के बाद अब जा रहे हैं PM मोदी
पिछले 5 साल में PM मोदी की ये पहले रूस यात्रा है. इससे पहले वो साल 2019 में रूस गए थे. तब उन्होंने व्लादिवोस्तोक में आयोजित इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया था. तब से लेकर अब तक 21 वार्षिक बैठकें हो चुकी हैं. आखिरी बार यह वार्ता 6 दिसंबर 2021 को हुई थी. इसमें शामिल होने के लिए व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे.