ऐसे ही थोड़ी CM नीतीश जोड़ लेते हैं हाथ! बिना नदी-सड़क बना दिया पुल, लोग बोले- एक नोबेल तो बनता है
Bihar Unique Bridge in Araria: पुल, बिहार और सुर्खियां...मानो ये तीनों एक दूसरे के पर्याय हो गए हैं. सरकार कोई भी रहे बिहार के पुल खबरों में आने तय हैं. इस बीच एक ऐसा पुल सामने आया है जो न तो टूटा है और न ही उसके निर्माण में कोई सामान की कमी की गई है. बस वो बना ऐसी जगह दिया गया है जहां न तो वो इंसानों के काम आना है और न ही जानवरों के उपयोग का है. आइये जानें बिहार के अररिया में बने इस अनोखे पुल के बारे में...
Bihar Unique Bridge in Araria: बारिश आते ही बिहार में पुलों के गिरने या उनके चोटिल होने की खबरें कोई नई नहीं है. यहां नेता और प्रशासनिक लोगों की लापरवाही हमेशा देश में सुर्खी बटोरती है. इसी साल 2 बार तो ऐसा ही जब गुस्साए CM नीतीश कुमार ने इंजीनियर्स के सामने ताने के रूप में हाथ तक जोड़ लिए. अभी भी राज्य में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहां पुलों की जरूरत है लेकिन वहां अभी तक निर्माण नहीं हुआ. इस बीच एक ऐसा अनोखा पुल अररिया जिले से सामने आया है जो खेतों के बीच बिना सड़क और नदी के ही बना दिया. अब ये पुल देश में सुर्खी बटोर रहा है.
अररिया में बने इस पुल की चर्चा अब देशभर में हो रही है. लोग सोशल मीडिया पर इसके फोटो और वीडियो शेयर कर रहे हैं. कई लोग इसके लिए स्थानीय प्रशासन तो कई लोग सरकार को गलत ठहरा रहे हैं. सोशल मीडिया में CM नीतीश कुमार के हाथ जोड़ने वाली बात को लेकर भी इस पुल के बारे में बात कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग तंज करते हुए इसके लिए नोबेल प्राइज की मांग कर रहे हैं.
कहां बना है पुल?
ये 40 मीटर का पुल अररिया के रानीगंज में बना है. इसे खेतों के बीच बनाकर छोड़ दिया गया है. इसके नीचे से न तो कोई नदी जाती है और न ही इसके दोनों ओर कोई सड़क है. बताया जाता है कि इसे बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग ने बनवाया है और इसकी लागत करीब 3 करोड़ रुपए है.ॉ
रानीगंज प्रखंड के परमानपुर पंचायत के वार्ड नंबर-6 में बने इस पुल के आसपास लोगों की करीब 500 एकड़ जमीन है. इस इलाके में दुलारदेई नदी बहती है. इसकी एक छोटी से धारा में पुल बनाया गया है. हालांकि, ये नदी इन दिनों नजर नहीं आ रही है.
जांच में क्या आया सामने?
मामला सामने आने के बाद डीएम इनायत शेख ने जांच के आदेश दिए हैं. आज मंगलवार को फारबिसगंज एसडीओ और रानीगंज सीओ जांच के लिए पहुंचे. इसमें ग्रामीणों ने बताया कि यहां नदी की तीन धारा हैं. इसमें से एक पूरी तरह सूख गई है. इस में बारिश में पानी नजर आता है. एक मुख्य नदी है. ये पुल बारिश वाली नदी पर बना है. हालांकि, यहां सड़क नहीं है.
जांच अधिकारी ने बताया कि जहां पुल बना है, वहां पर लगभग तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होना है. किस परिस्थिति पुल का निर्माण कराया गया है. इस बारे में जांच रिपोर्ट के बाद बताया जा सकता है. जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी. लोगों का दावा है कि ठेकेदार ने सिर्फ पुल बनाकर छोड़ दिया है.