हाथरस का सच! 34 बयानों में सामने आई बाबा और सेवादारों की करतूत, ये 3 लोग हैं दोषी

Hathras Stampede: 2 जुलाई, मंगलवार को हाथरस में हुए हादसे में 123 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. अभी भी कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं. घटना के बाद से ही पुलिस और प्रशासन मामले की जांच में लगा हुआ है. योगी सरकार ने भी मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. अब तक आयोग ने 34 लोगों के बयान लिए हैं. इसमें बाबा और सेवादारों की करतूत सामने आई है.

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Edited By: JBT Desk

Hathras Stampede: हाथरस में 123 मौतों के बाद योगी सरकार ने इसके न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है. इसमें से एक मुख्य आरोपी है. हालांकि, सूरजपाल उर्फ भोले बाबा अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. खैर उसका नाम भी FIR में दर्ज नहीं किया गया है. इस बीच न्यायिक आयोग ने 34 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए हैं. इसमें बाबा और उसके सेवादारों की करतूत सामने आई है. स्थानीय लोगों ने पूरे मामले में 3 लोगों को आरोपी माना है.

बता दें 2 जुलाई, मंगलवार को ही हाथरस में अमंगल घटना हुई थी. बताया जा रहा है बाबा के सत्संग में आए करीब 2.50 लोगों के बीच भगदड़ मच गई. इसमें 123 लोगों की जान चली गई. घटना तब हुई जब लोग बाबा के चरणों की रज लेने के लिए दौड़ पड़े और सेवादारों ने उनपर हमला कर दिया.

34 बयानों में क्या सामने आया?

  • भोले बाबा या नारायण हरि साकर ने सत्संग में एकत्रित अनुयायियों से अपने पैरों की मिट्टी यानी चरण रज लेने के लिए कहा था. इस कारण भगदड़ मची.
  • स्थानीय लोगों के अनुसार, बाबा ने दावा किया था कि चरण राज से बीमारियां ठीक हो जाएंगी. इसी कारण उसके जाते ही लोग दौड़ पड़े
  • कई लोगों ने आरोप लगाया कि बाबा के सेवादारों ने अनुयायियों के साथ कठोर व्यवहार किया था. बाबा के जाते ही लोगों को धक्का देकर किनारे कर रहे थे.
  • जब काफिला गुजर रहा था तो जीटी रोड के किनारे महिला अनुयायियों को पीछे धकेल दिया गया. इससे वो सड़क के पीछे गड्ढे में गिर गईं.
  • मौतों के लिए पुलिस भी जिम्मेदार है. भीड़ के हिसाब से वहां पुलिस मौजूद नहीं थी.
  • घटना के लिए ज्यादातर लोगों ने आयोजकों को जिम्मेदार माना है. उन्होंने कहा कि गलत व्यवहार तो एक बात उनके फोन भी जमा करा लिए गए थे.

न्यायिक आयोग का काम शुरू

बता दें मामले में जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता टीम का गठन किया गया है. इसमें पूर्व आईएएस अधिकारी हेमंत राव और पूर्व आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार भी शामिल हैं. कमेटी को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करनी है. आयोग ने भी जांच शुरू कर दी है. उन्होंने रविवार सुबह से ही हाथरस के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में डेरा डाल दिया. यहां स्थानीय लोगों से बात की.

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08 July 2024, 07:04 AM IST

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