आ गया गूगल मैप का स्वदेशी Map मैप्पल, 3D जंक्शन से लेकर मिलेगी रीयल टाइम ट्रैफिक अपडेट, हादसों से भी रहेंगे सुरक्षित
मैपमाइइंडिया का स्वदेशी नेविगेशन ऐप मैपल्स, वॉइस-गाइडेड दिशा-निर्देश, रीयल-टाइम ट्रैफिक अपडेट और 3D जंक्शन व्यू जैसी सुविधाओं के साथ गूगल मैप्स का मजबूत विकल्प बन रहा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के समर्थन से यह डिजिटल सुरक्षा और भारतीय रेलवे के सहयोग के साथ लोकप्रिय हो रहा है.

Indian navigation app: भारत में विकसित नेविगेशन ऐप मैपल्स ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है. यह ऐप मैपमाइइंडिया द्वारा बनाया गया है. यह वॉइस-गाइडेड दिशा-निर्देश, रीयल-टाइम ट्रैफिक अपडेट और हाइपर-लोकल सर्च जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है. इसे गूगल मैप्स का एक भरोसेमंद स्वदेशी विकल्प माना जा रहा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस ऐप का उपयोग करते हुए वीडियो साझा किया और इसे भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए जरूर आजमाना चाहिए बताया. उनका यह समर्थन भारत में बढ़ते डिजिटल स्वावलंबन और स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है.
गूगल मैप्स का स्वदेशी विकल्प
मैपल्स का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को एक स्थानीयकृत, सुरक्षित और सहज नेविगेशन अनुभव प्रदान करना है. इस ऐप की सबसे खास विशेषता इसका त्रि-आयामी (3D) जंक्शन व्यू है, जो सड़कों, ओवरब्रिज और अंडरपास जैसी जटिल जगहों को वास्तविक रूप में दिखाता है. इससे ड्राइवरों को भ्रम की स्थिति से बचने और सही दिशा में नेविगेट करने में मदद मिलती है. यह फीचर खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले कई बार नेविगेशन सिस्टम के गलत निर्देशों के कारण दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 2024 में उत्तर प्रदेश का एक दुखद हादसा भी शामिल है.
इनडोर नेविगेशन
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मैपल्स बहुमंजिला इमारतों और परिसरों के अंदर भी उपयोगकर्ताओं को सही रास्ता दिखाने में सक्षम है, जो वैश्विक मानचित्र ऐप्स में कम देखने को मिलता है. साथ ही, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर भी यह ऐप अग्रणी है. अधिकांश अंतरराष्ट्रीय ऐप्स के विपरीत, मैपल्स का सारा डेटा भारत में ही संग्रहीत रहता है, जिससे उपयोगकर्ता की जानकारी सुरक्षित रहती है. यह कदम भारत की डिजिटल डेटा सुरक्षा नीतियों के अनुरूप है.
भारतीय रेलवे के साथ सहयोग
सरकार मैपल्स को भारतीय रेलवे के साथ जोड़ने पर भी विचार कर रही है, ताकि ट्रेन और स्टेशन नेविगेशन को बेहतर बनाया जा सके. इस पहल से यात्रियों को यात्रा में सुविधा मिलेगी. इसी क्रम में, मैपमाइइंडिया ने भारतीय डाक विभाग, आईआईटी हैदराबाद और इसरो के एनआरएससी के साथ मिलकर डिजिपिन नामक डिजिटल एड्रेस सिस्टम तैयार किया है. यह सिस्टम पूरे भारत को छोटे-छोटे डिजिटल ब्लॉकों में बांटता है और हर ब्लॉक के लिए एक अनूठा डिजिटल कोड प्रदान करता है. इस कोड की मदद से कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह का सटीक पता आसानी से खोज सकता है, चाहे वह कोई भवन का फ्लोर हो या गांव का कोई दूरस्थ क्षेत्र.
स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा
मैपल्स की सफलता भारतीय डिजिटल स्वावलंबन आंदोलन को और मजबूती दे रही है. यह ऐप ज़ोहो के अराटाई जैसे अन्य भारतीय डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के खिलाफ देश के स्वदेशी विकल्पों को मजबूत कर रहा है. ज़ोहो जैसे ऐप्स की तरह, मैपल्स भी डेटा प्राइवेसी और एन्क्रिप्शन पर जोर देता है, जिससे उपयोगकर्ताओं का विश्वास बढ़ता है.


