एप्पल और मेटा ने क्या गलत किया? जो यूरोप ने लगाया 50 और 20 करोड़ यूरो का जुर्माना
यूरोपीय संघ ने एप्पल और मेटा पर डिजिटल मार्केट एक्ट के उल्लंघन के आरोप में भारी जुर्माना लगाया है. उन्हें यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है.

यूरोपीय संघ ने तकनीकी दिग्गज कंपनियों एप्पल और मेटा पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनपर भारी जुर्माना लगाया है. रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल पर 570 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है, जबकि मेटा को 228 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा है. ये जुर्माना यूरोपीय संघ के डिजिटल मार्केट एक्ट (DMA) के तहत पहली बार इन कंपनियों के खिलाफ लगाए गए कड़े प्रतिबंधों का हिस्सा है. इस कार्रवाई का उद्देश्य बड़े टेक्नोलॉजी कंपनियों की शक्ति को नियंत्रित करना और यूरोपीय संघ के नियमों का पालन सुनिश्चित करना है. इन जुर्मानों से यूरोपीय संघ और ट्रंप प्रशासन के बीच तनाव बढ़ सकता है, जो पहले ही अमेरिकी कंपनियों पर कर लगाने की धमकी दे चुका है.
एप्पल पर जुर्माना और यूरोपीय संघ का आरोप
एप्पल पर डिजिटल मार्केट एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है, क्योंकि कंपनी आईफोन पर उपयोगकर्ताओं को ऐप्स को साइडलोड करने की अनुमति नहीं देती है. साइडलोडिंग का मतलब है कि उपयोगकर्ता वेब से वैकल्पिक ऐप स्टोर्स और ऐप्स डाउनलोड कर सकें. यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्धा निगरानी विभाग ने एप्पल को ये निर्देश दिया है कि वह उन प्रतिबंधों को हटाए, जो ऐप डेवलपर्स को ऐप स्टोर के बाहर सस्ते सौदों की ओर उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने से रोकते हैं.
एप्पल ने एक ईमेल बयान में कहा, "आज की घोषणाएँ यूरोपीय आयोग द्वारा एप्पल को अन्यायपूर्ण तरीके से लक्षित करने का एक और उदाहरण हैं, जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं, उत्पादों के लिए हानिकारक हैं, और हमें अपनी तकनीक मुफ्त में देने के लिए मजबूर करती हैं." एप्पल ने इस जुर्माने को चुनौती देने की योजना बनाई है.
मेटा पर आरोप और जुर्माना
मेटा के खिलाफ आरोप था कि उसने यूरोपीय संघ के डिजिटल मार्केट एक्ट के तहत उपयोगकर्ताओं को अपनी सेवाओं का उपयोग करने के लिए बिना उनकी व्यक्तिगत जानकारी को विभिन्न प्लेटफार्मों पर मिलाए विकल्प प्रदान नहीं किया. इस नियम का उल्लंघन करने के कारण मेटा पर जुर्माना लगाया गया.
इसके अलावा, यूरोपीय संघ के नियामक ने मेटा के मार्केटप्लेस को डिजिटल मार्केट एक्ट के तहत गेटकीपर के रूप में वर्गीकृत करने का निर्णय भी वापस ले लिया, क्योंकि उपयोगकर्ताओं की संख्या उस सीमा से नीचे गिर गई थी. मेटा ने एक बयान में कहा, "यूरोपीय आयोग अमेरिकी व्यवसायों को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है, जबकि चीनी और यूरोपीय कंपनियों को अलग मानकों के तहत काम करने की अनुमति दी जा रही है."
जुर्माना से जुड़ी शर्तें
दोनों कंपनियों के पास दो महीने का समय है ताकि वे यूरोपीय संघ के आदेशों का पालन कर सकें, वरना उन्हें और अधिक जुर्माने का सामना करना पड़ेगा. यूरोपीय संघ ने ये स्पष्ट कर दिया है कि अगर दोनों कंपनियाँ इन नियमों का पालन करने में विफल रहती हैं तो जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है.