कानून मंत्री के CJI को लिखी चिट्ठी पर सवाल न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला- राघव चड्ढा

कानून मंत्री के CJI को लिखी चिट्ठी पर सवाल न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला- राघव चड्ढा

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

केंद्र सरकार ने देश की शीर्ष अदालत को सलाह दी है कि कॉलेजियम में उसके प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने से सिस्टम में ट्रांसपेरेसी आएगी और जनता के प्रति जवाबदेही भी तय होगी। कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को लेटर लिखकर 25 साल पुराने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया है। जिससे ट्रांसपेरेसी और सार्वजनिक जवाबदेही को बढ़ाने के लिए टू लेयर कॉलेजियम बनाए जा सकें। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को कानून मंत्री किरेन रिजीजू का ये लेटर संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की सीरिज में नई घटना है। इन लोगों में उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर विधायिका के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को केन्द्रीय कानून मंत्री को लिखे गए इस पत्र पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा है कि न्यायिक नियुक्तियों में सरकार के हस्तक्षेप का मामला बनाने के लिए CJI को कानून मंत्री का पत्र न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला है जो हमारे संविधान के मूल ढांचे के केंद्र में है। उन्होंने कहा कि मैंने इस मुद्दे को संसद के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र में उठाया थ।

बाइट- राघव चड्ढा, राज्यसभा सांसद

वहीं इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बेहद खतरनाक है। न्यायिक नियुक्तियों में सरकारी हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

बता दें कि किरण रिजिजू ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है। उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट में भी जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में संबंधित राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। लोकसभा उपाध्यक्ष भी कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट अक्सर विधायिका के कामकाज में दखलंदाजी करता है।

कॉलेजियम 25 साल पुरानी प्रणाली है, जिसके माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के जज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति की जाती है। मौजूदा कॉलेजियम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल, केएम जोसेफ, एमआर. शाह, अजय रस्तोगी और संजीव खन्ना शामिल हैं।

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