कैसे बनता है चुनावी स्याही जो धोने का बाद भी नहीं उतरता


2024/04/20 10:44:45 IST

लोकसभा चुनाव

    देश में लोकसभा चुनाव हो रहा है, पहले चरण की वोटिंग कल यानी 19 अप्रैल को समाप्त हो चुकी है.

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चुनावी स्याही

    इस बीच आज हम आपको चुनावी स्याही के बारे में बताने जा रहे हैं जो वोटिंग के दौरान मतदान कर्मी उंगलियों पर लगाते हैं.

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चुनावी स्याही में क्या मिलाया जाता है

    तो चलिए जानते हैं आखिर इस स्याही में क्या मिलाया जाता है जो धोने के बाद भी इसका कलर नहीं उंगलियों से नहीं होता है.

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सूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड

    दरअसल इस स्याही दक्षिण भारत में स्थित एक कंपनी में बनाई जाती है जिसका नाम सूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड (MVPL) है.

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कंपनी स्थापना

    इस कंपनी स्थापना साल 1937 में हुई थी तब मैसूर प्रांत के महाराजा नलवाड़ी कृष्णा राज वोडयार ने शुरुआत की थी.

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72 घंटे तक नहीं हटता कलर

    कंपनी इस स्याही को बनाने के लिए सिल्वर नाइट्रेट केमिकल का उपयोग करती है जो कम से कम 72 घंटे तक त्वचा से हटता नहीं है.

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बनाने की प्रक्रिया

    सिल्वर नाइट्रेट केमिकल को स्याही बनाने में इसलिए उपयोग किया जाता है क्योंकि यह पानी के संपर्क में आने के बाद काले रंग का हो जाता है जिसके बाद धोने पर भी जल्दी नहीं छूटता है.

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