कैसे बनता है चुनावी स्याही जो धोने का बाद भी नहीं उतरता
लोकसभा चुनाव
देश में लोकसभा चुनाव हो रहा है, पहले चरण की वोटिंग कल यानी 19 अप्रैल को समाप्त हो चुकी है.
Credit: Social Mediaचुनावी स्याही
इस बीच आज हम आपको चुनावी स्याही के बारे में बताने जा रहे हैं जो वोटिंग के दौरान मतदान कर्मी उंगलियों पर लगाते हैं.
Credit: Social Mediaचुनावी स्याही में क्या मिलाया जाता है
तो चलिए जानते हैं आखिर इस स्याही में क्या मिलाया जाता है जो धोने के बाद भी इसका कलर नहीं उंगलियों से नहीं होता है.
Credit: Social Mediaसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड
दरअसल इस स्याही दक्षिण भारत में स्थित एक कंपनी में बनाई जाती है जिसका नाम सूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड (MVPL) है.
Credit: Social Mediaकंपनी स्थापना
इस कंपनी स्थापना साल 1937 में हुई थी तब मैसूर प्रांत के महाराजा नलवाड़ी कृष्णा राज वोडयार ने शुरुआत की थी.
Credit: Social Media72 घंटे तक नहीं हटता कलर
कंपनी इस स्याही को बनाने के लिए सिल्वर नाइट्रेट केमिकल का उपयोग करती है जो कम से कम 72 घंटे तक त्वचा से हटता नहीं है.
Credit: Social Mediaबनाने की प्रक्रिया
सिल्वर नाइट्रेट केमिकल को स्याही बनाने में इसलिए उपयोग किया जाता है क्योंकि यह पानी के संपर्क में आने के बाद काले रंग का हो जाता है जिसके बाद धोने पर भी जल्दी नहीं छूटता है.
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