इस्लाम धर्म में हरे रंग को क्‍यों माना जाता है पाक, जानिए इसके पीछे की कहानी


2024/09/25 13:42:37 IST

इस्लाम में हरे रंग का महत्व

    आखिर इस्लाम में हरे रंग का इतना महत्व क्यों है. इसके पीछे की कहानी क्या है. क्या कुछ धार्मिक मान्यताओं के चलते हरे रंग को चुना गया या इसके पीछे कोई विज्ञान छुपा है.

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पवित्र किताब कुरान

    इस्लाम की सबसे पवित्र किताब कुरान की सूरह इंसान की आयत नंबर 21 में अल्लाह ने जन्नती लोगों का लिबास हरा बताया है.

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सुनन अबू दाऊद में लिखा

    इसके अलावा इसे लेकर हदीस के संग्रह की किताब- सुनन अबू दाऊद में लिखा गया है: हज़रत अबु रमसा (रज़ी) बयान करते हैं कि मैं अपने पिता के साथ पैगंबर मोहम्मद (उन पर शांति हो) के यहां गया तो मैंने आप (पैगंबर मोहम्मद) पर सब्ज़ (हरा) रंग की धारीदार दो चादरें देखीं.

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हरा रंग पवित्र

    इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरा रंग पवित्र तो माना ही जाता है, इसके अलावा विज्ञान के पास भी हरे रंग के को लेकर कुछ तर्क हैं.

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विज्ञान के हिसाब से हरे रंग को समझिए

    दरअसल, हरा रंग विज़ुअल स्पेक्ट्रम में 520-570 नैनोमीटर के तरंगदैर्ध्य के बीच आता है. यह तरंगदैर्ध्य इंसानों की आंखों के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है.

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हरे रंग की रोशनी

    इसके अलावा हरे रंग की रोशनी का अधिकतम मात्रा में अवशोषण होता है, जिससे आंखों को कम तनाव महसूस होता है.

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