स्ट्रेस और एंग्जायटी से कैसे बढ़ता है अस्थमा का खतरा
स्ट्रेस और एंग्जायटी का अस्थमा से संबंध
स्ट्रेस और एंग्जायटी के कारण वायुमार्ग में सिकुड़न और सूजन बढ़ सकती है, जिससे अस्थमा के लक्षण और गंभीर हो जाते हैं.
Credit: Freepikहॉर्मोन का प्रभाव
तनाव हार्मोन जैसे एड्रेनालिन और कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ाते हैं, जो अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं.
Credit: Freepikउथली और तेज सांसें
तनाव और चिंता की स्थिति में अक्सर उथली और तेज सांसें ली जाती हैं, जिससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं.
Credit: Freepikइम्यून सिस्टम पर असर
लंबे समय तक तनाव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिससे अस्थमा का खतरा बढ़ सकता है.
Credit: Freepikभावनात्मक तनाव का असर
अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को कभी-कभी डर और चिंता होती है, जो उसे मानसिक रूप से और कमजोर बना देती है.
Credit: Freepikयोग और ध्यान से राहत
गहरी सांस लेना, योग और ध्यान मानसिक तनाव को कम करते हैं और अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
Credit: Freepikनियमित उपचार का महत्व
अस्थमा का सही इलाज और डॉक्टर की सलाह का पालन करना लक्षणों को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी है.
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