आ फिर मुझे छोड़ जाने के लिए आ...पढ़ें दर्द भरी शायरी
चैन
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता,
एक ही शख़्स था जहान में क्या
Credit: Social Mediaउम्मीद
हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद,
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
Credit: Social Mediaज़िक्र
चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का,
सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही
Credit: Social Mediaबेवफ़ाई
इक अजब हाल है कि अब उस को,
याद करना भी बेवफ़ाई है
Credit: Social Mediaमजबूरियाँ
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी,
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
Credit: Social Mediaबेवफ़ाई
नहीं शिकवा मुझे कुछ बेवफ़ाई का तिरी हरगिज़,
गिला तब हो अगर तू ने किसी से भी निभाई हो
Credit: Social Mediaग़म
तिरे सुलूक का ग़म सुब्ह-ओ-शाम क्या करते,
ज़रा सी बात पे जीना हराम क्या करते
Credit: Social Media View More Web Stories