Ahmad Faraz: जब भी दिल खोल के रोए होंगे, लोग आराम से सोए होंगे...पढ़ें आज के कुछ चुनिंदा शेर
दिलकशी
क़ुर्बतें लाख ख़ूब-सूरत हों, दूरियों में भी दिलकशी है अभी
Credit: Social Mediaदोस्त
तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो 'फ़राज़', दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला
Credit: Social Mediaदुनिया
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा'द ये मा'लूम, कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी
Credit: Social Mediaवक़्त
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा, वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
Credit: Social Mediaख़फ़ा
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम, तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
Credit: Social Mediaफूल
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें, जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
Credit: Social Media View More Web Stories