जब भी ये दिल उदास होता है... पढ़िए गुलज़ार के चुनिंदा शेर
एक ही ख़्वाब
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है, मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की.
दिल पर दस्तक
दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है, किस की आहट सुनता हूँ वीराने में.
दिल उदास
जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस-पास होता है.
उमड़ती बारिश
मैं चुप कराता हूँ हर शब उमड़ती बारिश को, मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है.
अफ़्साने
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में, एक पुराना ख़त खोला अनजाने में.
तुम्हारे ख़्वाब
तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं ,सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं.
दास्ताँ
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था, आज की दास्ताँ हमारी है.
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