Gulzars Sher: गुलज़ार के अनोखे शेर पढ़कर हो जायेंगे आप भी हैरान


2023/12/03 10:37:06 IST

ज़िंदगी

    ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा.

आंख

    शाम से आंख में नमी सी है आज फिर आप की कमी सी है.

गुज़ारी

    आप के बाद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है.

आदत

    वक्त रहता नहीं कहीं टिक कर आदत इस की भी आदमी सी है.

आदतन

    आदतन तुम ने कर दिए वादे आदतन हम ने एतिबार किया.

ज़मीं

    ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह हो जाता है डाँवा-डेल कभी.

आइना

    आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई.

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