Gulzar Sad Shayari: गुलज़ार की वो शायरी जो पहली मोहब्बत की याद दिला दे!
Gulzar Sad Shayari
वो जो उठातें हैं क़िरदार पर उंगलियां,
तोहफे में उनको आप आईने दीजिए
Gulzar Sad Shayari
एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली,
और लोग कहते हैं की हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली
Gulzar Sad Shayari
सूखे पत्तों की तरह बिखरे हुए थे हम,
किसी ने समेटा भी तोह सिर्फ जलाने के लिये ..
Gulzar Sad Shayari
नहीं बदल सकते हम खुद को औरों के हिसाब से,
एक लिबास हमें भी दिया है खुदा ने अपने हिसाब से..
Gulzar Sad Shayari
तकलीफ खुद की कम हो गई,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गई ..
Gulzar Sad Shayari
दर्द की भी अपनी एक अदा है,
वो भी सहने वालों पर फ़िदा है..
Gulzar Sad Shayari
जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भली,
अब हर बात पर जंग हो यह ज़रुरी तो नहीं ..
Gulzar Sad Shayari
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते ..
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