सर झुकाओगे तो पत्थर भी देवता हो जाएगा, इतना मत चाहो उसे वो बेवफा....पढ़ें राहत इंदौरी के चुनिंदा शेर


2023/11/20 21:42:53 IST

तालाब

    अब तो इस तालाब का पानी बदल दो ये कँवल के फूल कुम्हलाने लगे हैं.

सिक्का

    चरागों को उछाला जा रहा है हवा पर रौब डाला जा रहा है न हार अपनी न अपनी जीत होगी, मगर सिक्का उछाला जा रहा है.

ख्वाहिश

    मेरी ख्वाहिश है कि, आंगन में न दीवार उठे, मेरे भाई मेरे हिस्से की ज़मीं तू रख ले.

यकीन

    तुम्हारे पांव के नीचे कोई ज़मीन नहीं कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं.

पर

    ऐसा लगता है कि,उड़ कर भी कहां पहुंचेंगे हाथ में जब कोई टूटा हुआ पर होता है.

जिक्र

    वो बात सारे फ़साने में जिसका जिक्र न था, वो बात उनको बहुत ना-गवार गुज़री है.

राहत इंदौरी

    उस सर-फिरे को यूं नहीं बहला सकेंगे आप, वो आदमी नया है मगर सावधान है...

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