वो बातें खा गई मुझको, जो बातें पी गया था मैं, जौन के बेहतरीन शेर


2024/02/05 15:59:21 IST

सितम शायरी

    क्या सितम है कि अब तिरी सूरत, ग़ौर करने पे याद आती है

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खतरे पर शेर

    अब नहीं कोई बात ख़तरे की, अब सभी को सभी से ख़तरा है

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खामोशी शायरी

    मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँ, कितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से

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बात पर शेर

    वो बातें खा गई मुझको, जो बातें पी गया था मैं

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डर शायरी

    मुझे अब तुम से डर लगने लगा है, तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या

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ख्वाब शायरी

    और तो क्या था बेचने के लिए, अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं

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बहकने पर शेर

    मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले, अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को

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रिश्ता शायरी

    नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम, बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम

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तकल्लुफ शायरी

    क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में, जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं

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