वो बातें खा गई मुझको, जो बातें पी गया था मैं, जौन के बेहतरीन शेर
सितम शायरी
क्या सितम है कि अब तिरी सूरत, ग़ौर करने पे याद आती है
Credit: Social Mediaखतरे पर शेर
अब नहीं कोई बात ख़तरे की, अब सभी को सभी से ख़तरा है
Credit: Social Mediaखामोशी शायरी
मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँ, कितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से
Credit: Social Mediaबात पर शेर
वो बातें खा गई मुझको, जो बातें पी गया था मैं
Credit: Social Mediaडर शायरी
मुझे अब तुम से डर लगने लगा है, तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या
Credit: Social Mediaख्वाब शायरी
और तो क्या था बेचने के लिए, अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं
Credit: Social Mediaबहकने पर शेर
मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले, अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को
Credit: Social Mediaरिश्ता शायरी
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम, बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
Credit: Social Mediaतकल्लुफ शायरी
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में, जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं
Credit: Social Media View More Web Stories