Jaun Eliya Sher: मेरी बाँहों में बहकने... जौन एलिया के शेर


2023/11/20 22:24:02 IST

सजा पर शेर

    मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले, अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को.

नींद पर शेर

    बिन तुम्हारे कभी नहीं आई, क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है.

ज़िंदगी पर शेर

    ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को, अपने अंदाज़ से गँवाने का.

जुदा पर शेर

    मैं रहा उम्र भर जुदा ख़ुद से, याद मैं ख़ुद को उम्र भर आया.

ज़िंदगी पर शेर

    अब मिरी कोई ज़िंदगी ही नहीं, अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या.

याद पर शेर

    याद उसे इंतिहाई करते हैं, सो हम उस की बुराई करते हैं.

इतराने पर शेर

    कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे, जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे.

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