कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो, पढ़ें अहमद फराज के शेर
राहगुज़र
कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो,
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
Credit: Social Mediaजान-ए-सफ़र
जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र,
कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं
Credit: Social Mediaतअल्लुक़
उम्र भर कौन निभाता है तअल्लुक़ इतना,
ऐ मिरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह रक्खे
Credit: Social Mediaमोहब्बत
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल,
हार जाने का हौसला है मुझे
Credit: Social Media ग़म-ए-यार
रोग ऐसे भी ग़म-ए-यार से लग जाते हैं,
दर से उठते हैं तो दीवार से लग जाते हैं
Credit: Social Mediaख़्वाब
ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते,
जो आज तो होते हैं मगर कल नहीं होते
Credit: Social Mediaबड़ी दूर
न दिल से आह न लब से सदा निकलती है,
मगर ये बात बड़ी दूर जा निकलती है.
Credit: Social Media View More Web Stories