परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है...पढ़ें मोटिवेशन शायरी
दुख
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा, राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
Credit: freepikहुस्न
मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफाजत कर, संभल के चल तुझे सारा जहान देखता है
Credit: freepikसूराख़
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो
Credit: freepikतक़दीर
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
Credit: freepikअकेला
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
Credit: freepikदुश्मनी
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
Credit: freepikग़म
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
Credit: freepikअफ़्साना
वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा
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