तिरी ख़ुशबू मिरी चादर से नहीं जाती है... Perfume Day पर बेहतरीन शेर
इफ़्तिख़ार आज़मी
हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब
फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे
Credit: Freepikअहमद वसी
वो करे बात तो हर लफ़्ज़ से ख़ुश्बू आए
ऐसी बोली वही बोले जिसे उर्दू आए
Credit: Freepikगुलज़ार
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
Credit: Social Mediaबद्र वास्ती
अज़ाब होती हैं अक्सर शबाब की घड़ियाँ
गुलाब अपनी ही ख़ुश्बू से डरने लगते हैं
Credit: Social Mediaबशीर बद्र
मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता
Credit: Social Mediaक़तील शिफ़ाई
यूँ लगे दोस्त तिरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना
जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना
Credit: Social Mediaराहत इंदौरी
इक मुलाक़ात का जादू कि उतरता ही नहीं
तिरी ख़ुशबू मिरी चादर से नहीं जाती है
Credit: Social Media View More Web Stories