ये सदी धूप को तरसती है...पढ़ें दर्द पर लिखें कैफ़ी आज़मी के बेहतरीन शेर....
बस इक झिजक है
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में, कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
Credit: Googleइतना तो ज़िंदगी में किसी के
इतना तो ज़िंदगी में किसी के ख़लल पड़े, हँसने से हो सुकून न रोने से कल पड़े
Credit: Googleकोई तो सूद चुकाए
कोई तो सूद चुकाए कोई तो ज़िम्मा ले, उस इंक़लाब का जो आज तक उधार सा है
Credit: Googleपेड़ के काटने वालों को
पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था, जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा
Credit: Googleबहार आए तो मेरा सलाम
बहार आए तो मेरा सलाम कह देना, मुझे तो आज तलब कर लिया है सहरा ने
Credit: Googleजो इक ख़ुदा नहीं मिलता
जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूं, यहां तो कोई मिरा हम-ज़बां नहीं मिलता
Credit: Googleअब जिस तरफ़ से चाहे
अब जिस तरफ़ से चाहे गुज़र जाए कारवां, वीरानियां तो सब मिरे दिल में उतर गईं
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