Urdu Shayari:किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी,झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी


2024/05/01 13:58:58 IST

महेश चंद्र नक़्श

    उन के गेसू सँवरते जाते हैं,हादसे हैं गुज़रते जाते हैं

Credit: pinetrest

आरज़ू लखनवी

    पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह,ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ

Credit: pinetrest

मीर तक़ी मीर

    हम हुए तुम हुए कि 'मीर' हुए,उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए

Credit: pinetrest

मिर्ज़ा ग़ालिब

    आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक

Credit: pinetrest

मोहम्मद रफ़ी सौदा

    जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे,तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे

Credit: pinetrest

आरज़ू लखनवी

    किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी,झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी

Credit: pinetrest

मोहम्मद रफ़ी सौदा

    जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे,तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे

Credit: pinetrest

View More Web Stories