Urdu Shayari:किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी,झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी
महेश चंद्र नक़्श
उन के गेसू सँवरते जाते हैं,हादसे हैं गुज़रते जाते हैं
Credit: pinetrestआरज़ू लखनवी
पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह,ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ
Credit: pinetrestमीर तक़ी मीर
हम हुए तुम हुए कि 'मीर' हुए,उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए
Credit: pinetrestमिर्ज़ा ग़ालिब
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
Credit: pinetrestमोहम्मद रफ़ी सौदा
जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे,तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे
Credit: pinetrestआरज़ू लखनवी
किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी,झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी
Credit: pinetrestमोहम्मद रफ़ी सौदा
जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे,तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे
Credit: pinetrest View More Web Stories