Urdu Shayari: जवाँ होते ही ले उड़ा हुस्न तुम को,परी हो गए तुम तो इंसान हो कर


2024/04/26 13:55:59 IST

रियाज़ ख़ैराबादी

    बच जाए जवानी में जो दुनिया की हवा से ,होता है फ़रिश्ता कोई इंसाँ नहीं होता

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हीरानंद सोज़

    अजीब हाल था अहद-ए-शबाब में दिल का, मुझे गुनाह भी कार-ए-सवाब लगता था

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अख़्तर अंसारी

    रगों में दौड़ती हैं बिजलियाँ लहू के एवज़,शबाब कहते हैं जिस चीज़ को क़यामत है

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हफ़ीज़ जालंधरी

    ख़ामोश हो गईं जो उमंगें शबाब की,फिर जुरअत-ए-गुनाह न की हम भी चुप रहे

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अब्दुल हमीद अदम

    वो अहद-ए-जवानी वो ख़राबात का आलम,नग़्मात में डूबी हुई बरसात का आलम

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जलाल लखनवी

    'जलाल' अहद-ए-जवानी है दोगे दिल सौ बार, अभी की तौबा नहीं ए'तिबार के क़ाबिल

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तिलोकचंद महरूम

    ऐ हम-नफ़स न पूछ जवानी का माजरा, मौज-ए-नसीम थी इधर आई उधर गई

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अब्दुल हमीद अदम

    नौजवानी में पारसा होना, कैसा कार-ए-ज़बून है प्यारे

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