Urdu Shayari: हर समुंदर का एक साहिल है,हिज्र की रात का किनारा नहीं
अंत
न उस का अंत है कोई न इस्तिआ'रा है,ये दास्तान है हिज्र-ओ-विसाल से बाहर
Credit: social mediaदर्द का रस्ता
दर्द का रस्ता है या है साअ'त-ए-रोज़-ए-हिसाब,सैकड़ों लोगों को रोका एक भी ठहरा नहीं
Credit: social mediaवाहिमा
ये जो साए से भटकते हैं हमारे इर्द-गिर्द,छू के उन को देखिए तो वाहिमा कोई नहीं
Credit: social mediaनक़्श
फ़ज़ा में तैरते रहते हैं नक़्श से क्या क्या,मुझे तलाश न करती हों ये बलाएँ कहीं
Credit: social mediaदरिया में पानी
आँख भी अपनी सराब-आलूद है,और इस दरिया में पानी भी नहीं
Credit: social mediaसितारे
यूँ तो हर रात चमकते हैं सितारे लेकिन,वस्ल की रात बहुत सुब्ह का तारा चमका
Credit: social mediaबेगाने
कुछ ऐसी बे-यक़ीनी थी फ़ज़ा में,जो अपने थे वो बेगाने लगे हैं
Credit: social media View More Web Stories