Urdu Shayari: क्या कोई नई बात नज़र आती है हम में,आईना हमें देख के हैरान सा क्यूँ है
ख़्वाब
आँखों में तेरी देख रहा हूँ मैं अपनी शक्ल, ये कोई वाहिमा ये कोई ख़्वाब तो नहीं
Credit: freepikआसमाँ
आसमाँ कुछ भी नहीं अब तेरे करने के लिए, ने सब तय्यारियाँ कर ली हैं मरने के लिए
Credit: freepikदिल
ये जब है कि इक ख़्वाब से रिश्ता है हमारा,दिन ढलते ही दिल डूबने लगता है हमारा
Credit: freepikहसरत
आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई,आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई
Credit: freepikअकेले
अब रात की दीवार को ढाना है ज़रूरी,ये काम मगर मुझ से अकेले नहीं होगा
Credit: freepik सुकूँ
जम्अ करते रहे जो अपने को ज़र्रा ज़र्रा, वो ये क्या जानें बिखरने में सुकूँ कितना है
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