Urdu Shayari: तन्हाई के लम्हात का एहसास हुआ है,जब तारों भरी रात का एहसास हुआ है
आबिदा करामत
औरों की आग क्या तुझे कुंदन बनाएगी, अपनी भी आग में कभी चुप-चाप जल के देख
Credit: freepikजावेद वशिष्ट
ग़म से एहसास का आईना जिला पाता है,और ग़म सीखे है आ कर ये सलीक़ा मुझ से
Credit: Social Mediaबशीर दुर्रानी
दुश्मन-ए-दिल ही नहीं दुश्मन-ए-जाँ होता है,उफ़ वो एहसास जो पीरी में जवाँ होता है
Credit: Social Mediaअदील ज़ैदी
हर तरफ़ अपने ही अपने हाए तन्हाई न पूछ,किस क़दर खलती है अक्सर हम को बीनाई न पूछ
Credit: Social Mediaनातिक़ गुलावठी
हमें कम-बख़्त एहसास-ए-ख़ुदी उस दर पे ले बैठा,हम उठ जाते तो वो पर्दा भी उठ जाता जो हाइल था
Credit: Social Mediaहबीब अहमद सिद्दीक़ी
मुझ को एहसास-ए-रंग-ओ-बू न हुआ,यूँ भी अक्सर बहार आई है
Credit: Social Mediaख़ुशबीर सिंह शाद
मिरे अंदर कई एहसास पत्थर हो रहे हैं,ये शीराज़ा बिखरना अब ज़रूरी हो गया है
Credit: Social Media View More Web Stories