Urdu Shayari: तन्हाई के लम्हात का एहसास हुआ है,जब तारों भरी रात का एहसास हुआ है


2024/05/07 18:15:40 IST

आबिदा करामत

    औरों की आग क्या तुझे कुंदन बनाएगी, अपनी भी आग में कभी चुप-चाप जल के देख

Credit: freepik

जावेद वशिष्ट

    ग़म से एहसास का आईना जिला पाता है,और ग़म सीखे है आ कर ये सलीक़ा मुझ से

Credit: Social Media

बशीर दुर्रानी

    दुश्मन-ए-दिल ही नहीं दुश्मन-ए-जाँ होता है,उफ़ वो एहसास जो पीरी में जवाँ होता है

Credit: Social Media

अदील ज़ैदी

    हर तरफ़ अपने ही अपने हाए तन्हाई न पूछ,किस क़दर खलती है अक्सर हम को बीनाई न पूछ

Credit: Social Media

नातिक़ गुलावठी

    हमें कम-बख़्त एहसास-ए-ख़ुदी उस दर पे ले बैठा,हम उठ जाते तो वो पर्दा भी उठ जाता जो हाइल था

Credit: Social Media

हबीब अहमद सिद्दीक़ी

    मुझ को एहसास-ए-रंग-ओ-बू न हुआ,यूँ भी अक्सर बहार आई है

Credit: Social Media

ख़ुशबीर सिंह शाद

    मिरे अंदर कई एहसास पत्थर हो रहे हैं,ये शीराज़ा बिखरना अब ज़रूरी हो गया है

Credit: Social Media

View More Web Stories