Urdu Shayari: ख़ुदा के वास्ते इस को न टोको,यही इक शहर में क़ातिल रहा है
शैख़ अली बख़्श बीमार
कौन पुरसाँ है हाल-ए-बिस्मिल का, ख़ल्क़ मुँह देखती है क़ातिल का
Credit: freepikख़ुशबीर सिंह शाद
ये सच है चंद लम्हों के लिए बिस्मिल तड़पता है, फिर इस के बअ'द सारी ज़िंदगी क़ातिल तड़पता है
Credit: freepikफ़ानी बदायुनी
यूँ न क़ातिल को जब यक़ीं आया,हम ने दिल खोल कर दिखाई चोट
Credit: freepikअमीर क़ज़लबाश
क़त्ल हो तो मेरा सा मौत हो तो मेरी सी,मेरे सोगवारों में आज मेरा क़ातिल है
Credit: freepikहकीम मंज़ूर
शहर के आईन में ये मद भी लिक्खी जाएगी,ज़िंदा रहना है तो क़ातिल की सिफ़ारिश चाहिए
Credit: freepikइक़बाल अज़ीम
क़ातिल ने किस सफ़ाई से धोई है आस्तीं,उस को ख़बर नहीं कि लहू बोलता भी है
Credit: freepikइरफ़ान सिद्दीक़ी
मेरे होने में किसी तौर से शामिल हो जाओ,तुम मसीहा नहीं होते हो तो क़ातिल हो जाओ
Credit: freepik View More Web Stories