Samundar Shayari: गिरते हैं समुंदर में बड़े शौक़ से दरिया... आज के कुछ चुनिंदा शेर...


2023/11/07 20:40:40 IST

मोहम्मद अल्वी

    नज़रों से नापता है समुंदर की वुसअतें.. साहिल पे इक शख़्स अकेला खड़ा हुआ..!!

अब्दुल अहद साज़

    दोस्त अहबाब से लेने न सहारे जाना.. दिल जो घबराए समुंदर के किनारे जाना..!!

ज़ेब ग़ौरी

    छेड़ कर जैसे गुज़र जाती है दोशीज़ा हवा.. देर से ख़ामोश है गहरा समुंदर और मैं..!!

ज़ेब ग़ौरी

    चमक रहा है ख़ेमा-ए-रौशन दूर सितारे सा.. दिल की कश्ती तैर रही है खुले समुंदर में..!!

फ़रियाद आज़र

    बंद हो जाता है कूज़े में कभी दरिया भी.. और कभी क़तरा समुंदर में बदल जाता है..!!

अमीर इमाम

    रक्खी हुई है दोनों की बुनियाद रेत पर.. सहरा-ए-बे-कराँ को समुंदर लिखेंगे हम..!!

अदीम हाशमी

    कटी हुई है ज़मीं कोह से समुंदर तक.. मिला है घाव ये दरिया को रास्ता दे कर..!!

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