Patthar Shayari: पत्थर पर कहे गए मशहूर शायरों के कुछ चुनिंदा शेर...
मुस्तफ़ा ज़ैदी
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ..
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है..!!
उमैर मंज़र
बढ़ते चले गए जो वो मंज़िल को पा गए..
मैं पत्थरों से पाँव बचाने में रह गया..!!
फ़ाख़िरा बतूल
आप की जानिब से आए तो उठा कर रख लिए..
पत्थरों से घर सजाने का कभी सोचा न था..!!
अनवर शऊर
हैं पत्थरों की ज़द पे तुम्हारी गली में हम..
क्या आए थे यहाँ इसी बरसात के लिए..!!
अफ़ज़ल मिनहास
जिन पत्थरों को हम ने अता की थीं धड़कनें..
उन को ज़बाँ मिली तो हमीं पर बरस पड़े..!!
दाग़ देहलवी
तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता..
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता..!!
बशीर बद्र
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं..
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में..!!
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