Qateel Shifai Shayari: क़तील शिफ़ाई के कुछ चुनिंदा शेर


2023/11/21 22:36:02 IST

क़तील शिफ़ाई के शेर

    अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की, तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की

क़तील शिफ़ाई के शेर

    अपने लिए अब एक ही राह नजात है, हर ज़ुल्म को रज़ा-ए-ख़ुदा कह लिया करो.

क़तील शिफ़ाई के शेर

    आख़री हिचकी तेरे ज़ानू पे आए, मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ.

क़तील शिफ़ाई के शेर

    क्यूँ शरीक-ए-ग़म बनाते हो किसी को ऐ 'क़तील', अपनी सूली अपने काँधे पर उठाओ चुप रहो.

क़तील शिफ़ाई के शेर

    क्या जाने किस अदा से लिया तू ने मेरा नाम, दुनिया समझ रही है कि सचमुच तेरा हूँ मैं.

क़तील शिफ़ाई के शेर

    चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी, वगरना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते.

क़तील शिफ़ाई के शेर

    जीत ले जाए कोई मुझ को नसीबों वाला, ज़िंदगी ने मुझे दाँव पे लगा रक्खा है.

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