एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा, आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा
राह
सितारो आओ मिरी राह में बिखर जाओ, ये मेरा हुक्म है हालाँकि कुछ नहीं हूँ मैं
Credit: Social Mediaकाएनात
ये काएनात अभी ना-तमाम है शायद, कि आ रही है दमादम सदा-ए-कुन-फ़यकूँ
Credit: Social Mediaसच-झूठ
मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगी, वो झूठ बोलेगा और ला-जवाब कर देगा
Credit: Social Mediaतूफ़ान
साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन, तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है
Credit: Social Mediaग़म
ये लोग हैं कैसे कि जिन्हें ग़म नहीं होता, मर जाए अगर कोई तो मातम नहीं होता
Credit: Social Mediaख़रीदार
जिंस-ए-वफ़ा के वास्ते बाज़ार चाहिए, क़ीमत जो दे सके वो ख़रीदार चाहिए
Credit: Social Mediaअदा
कल शब अजीब अदा से था इक हुस्न मेहरबाँ, वो शबनमी गुलाब सी रंगत धुली धुली
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