Urdu Poetry: दरिया पर कहे शायरों के शेर...


2023/10/02 16:29:54 IST

Surendra Chaturvedi

    बदन से हो के गुज़रा रूह से रिश्ता बना डाला, किसी की प्यास ने आखि़र मुझे दरिया बना डाला

Kumar Vishwas

    मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में हैं, जो हो मालूम गहराई, तो दरिया पार क्या करना

Bashir Badr

    हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे, रास्ता हो जाएगा

Rahat Indori

    बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर, जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

Naksh Lyallpuri

    उठाने हैं अभी दरिया से मुझको प्यास के पहरे, अभी तो खुश्क पैरों पे मुझे रिमझिम भी लिखनी है

Taimur Hasan

    वो जो मुमकिन न हो मुमकिन ये बना देता है, ख़्वाब दरिया के किनारों को मिला देता है

Meraj

    बढ़ गया था प्यास का एहसास दरिया देख कर, हम पलट आये मगर पानी को प्यासा देख कर

Iqbal Ashar

    मुद्दतों बाद पशेमाँ हुआ दरिया हमसे, मुद्दतों बाद हमें प्यास छुपानी आई...

Mohammad Alvi

    आज फिर मुझ से कहा दरिया ने, क्या इरादा है बहा ले जाऊँ

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