Urdu Poetry:एहसास पर कहे शायरों के चुनिंदा शेर...


2023/09/27 14:53:58 IST

Shauk Moradabadi

    वो रफ़्ता रफ़्ता ज़िंदगी से दूर क्या हुए, एहसास ज़िंदगी का भी मरता चला गया

Agyaat

    जागना भी कबूल है तेरी यादों में रात भर, तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ अज्ञात

Faza Ibn-e-Faizi

    सब अपने आईने उसने मुझी को सौंप दिए, उसे शिकस्त का एहसास था बहुत गहरा

Asi Uldani

    अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को, मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं

Naresh Kumar Shad

    मुझ को एहसास है लेकिन तुझे एहसास नहीं, तेरे दामन की हवा मेरे लिए रास नहीं

Abdullah Javed

    मिले जब तुम तो ये एहसास जागा, अब आगे का सफ़र तन्हा नहीं है

Bashir Badra

    ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है, रहे सामने और दिखाई न दे

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