Urdu Poetry:ज़बाँ पर कहे शायरों के चुनिंदा शेर...
Daag Dehalavee
उर्दू है जिस का नाम हमीं जानते हैं 'दाग़',
हिन्दोस्ताँ में धूम हमारी ज़बाँ की है
Agyaat
सलीक़े से हवाओं में जो ख़ुशबू घोल सकते हैं,
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जो उर्दू बोल सकते हैं
Daag Dehalavee
नहीं खेल ऐ 'दाग़' यारों से कह दो,
कि आती है उर्दू ज़बाँ आते आते
Manish Shukla
बात करने का हसीं तौर-तरीक़ा सीखा,
हम ने उर्दू के बहाने से सलीक़ा सीखा
Ahmed Wasi
वो करे बात तो हर लफ़्ज़ से ख़ुश्बू आए,
ऐसी बोली वही बोले जिसे उर्दू आए
Abbas Tabish
चाँद-चेहरे मुझे अच्छे तो बहुत लगते हैं,
इश्क़ मैं उस से करूँगा जिसे उर्दू आए
Agyaat
वो उर्दू का मुसाफ़िर है यही पहचान है उस की,
जिधर से भी गुज़रता है सलीक़ा छोड़ जाता है
Anees Dehlavi
जो दिल बाँधे वो जादू जानता है,
मिरा महबूब उर्दू जानता है
Agyaat
हिन्दी में और उर्दू में फ़र्क़ है तो इतना,
वो ख़्वाब देखते हैं हम देखते हैं सपना
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