Chhath Puja: नाक से मांग तक क्यों लगाया जाता है सिंदूर जानें इसका धार्मिक महत्व
सुहाग की लंबी उम्र का प्रतीक
मान्यता है कि सिंदूर की लंबी रेखा जितनी लंबी होगी, पति की आयु भी उतनी ही लंबी होगी.
महाभारत काल की कथा
महाभारत काल में द्रौपदी ने अपनी रक्षा के लिए सिंदूर लगाया था, तभी से यह परंपरा चली आ रही है जो सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है.
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छठ पूजा का महत्व
यह छठ पूजा के दौरान महिलाओं द्वारा विशेष रूप से किया जाता है, जो पति और परिवार की समृद्धि के लिए सूर्य देव की उपासना का एक रूप है.
संरक्षक रेखा
नाक से मांग तक सिंदूर लगाना एक तरह की संरक्षक रेखा मानी जाती है, जो पति और परिवार को नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है.
सकारात्मक ऊर्जा
छठ पूजा में सूर्य की किरणें जब सिंदूर से सजी माथे पर पड़ती हैं, तो यह शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भरती है.
वैज्ञानिक महत्व
सिंदूर में पारा जैसी प्राकृतिक धातु होती है जो मस्तिष्क की नसों पर शांत प्रभाव डालती है और तनाव कम करती है.
शुभता और सौभाग्य
सिंदूर को शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और यह मां पार्वती और देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद से जुड़ा है.
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