पितृपक्ष के दौरान न करें ये गलती


2025/09/12 15:16:51 IST

पितृपक्ष का महत्व

    पितृपक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलता है. इस समय पितरों की तर्पण और श्राद्ध करना शुभ माना जाता है. संतुष्ट पितृ अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं.

Credit: Pinterest

सात्विक आहार

    इस अवधि में हल्का और सात्विक भोजन जैसे फल, दूध, दही और हल्की सब्ज़ियां ही ग्रहण करें. सात्विक भोजन मन को शांत और शरीर को हल्का रखता है.

Credit: Pinterest

प्याज-लहसुन का न करें सेवन

    प्याज और लहसुन तामसिक और राजसिक श्रेणी में आते हैं. पितृपक्ष में इनका सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

Credit: Pinterest

धार्मिक मान्यताएं

    शास्त्रों में कहा गया है कि प्याज और लहसुन राक्षसों से उत्पन्न हुए. ये भोजन पवित्रता भंग करते हैं और पितरों की कृपा में बाधा डालते हैं.

Credit: Pinterest

आयुर्वेद और साधना

    आयुर्वेद के अनुसार ये इंद्रियों को उत्तेजित कर क्रोध, वासना और आलस्य बढ़ाते हैं. साधु और योगी इन्हें त्यागकर सात्विक भोजन को प्राथमिकता देते हैं.

Credit: Pinterest

पितरों का आशीर्वाद

    सात्विक भोजन और श्राद्ध से पितृ संतुष्ट होते हैं. इससे वंशजों की आरोग्यता, आयु और समृद्धि में वृद्धि होती है.

Credit: Pinterest

DISCLAIMER

    ये स्टोरी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Credit: Pinterest

View More Web Stories