किन्नरों के अंतिम संस्कार में चप्पलों से क्यों पीटा जाता है
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हमारे समाज में मान्यता है कि किन्नरों की दुआओं में बड़ी शक्ति होती है.
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लेकिन सवाल ये उठता है कि किन्नर का अंतिम संस्कार होते किसी ने क्यों नही देखा...
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किन्नर का अतिंम संस्कार आधी रात में होता है, ताकि कोई देख ना पाए.
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उनके शव को जलाने की जगह दफनाया जाता है.
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उनके शव को सफेद कपड़े में लपेट के ले जाया जाता है, ये ध्यान रखते हुए कि किसी बंधन से मुक्त रहे
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उनकी बॉडी पर कोई भी बंधी हुई चीज नहीं छोड़ी जाती. ताकि आत्मा स्वतंत्र महसूस करे .
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शव को दफनाते समय जूते-चप्पल से पीटा जाता है ताकि अगले जन्म उनको किन्नर का जीवन ना मिले.
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शव के पास खड़े होकर वे अपने देवता को याद करते हैं, साथ ही दान-पुण्य भी करते हैं.
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