बेहद शक्तिशाली है भगवान परशुराम का फरसा
Parashurama_Jayanti_2025_(6)
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Credit: Pinterestभगवान परशुराम का जन्म
भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं. इनका जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी जयंती मनाई जाती है.
Credit: Pinterestचिरंजीवी महापुरुषों में से एक
परशुराम जी उन आठ अमर (चिरंजीवी) महापुरुषों में से एक हैं, जो आज भी जीवित माने जाते हैं.
Credit: Pinterestभगवान शिव से मिला फरसा
भगवान परशुराम को उनका दिव्य फरसा (परशु) भगवान शिव से घोर तपस्या के बाद वरदान में मिला था.
Credit: Pinterestअन्याय के विनाश का अस्त्र
इस फरसे की मदद से परशुराम जी ने अत्याचारी हैहयवंशी क्षत्रियों का 36 बार संहार किया था.
Credit: Pinterestअब कहां है फरसा?
माना जाता है कि झारखंड के गुमला जिले में टांगीनाथ धाम में भगवान परशुराम का वही फरसा आज भी मौजूद है.
Credit: Pinterestकभी नहीं लगी जंग
यह फरसा खुले आकाश के नीचे है, फिर भी इसमें कभी जंग नहीं लगा, और इसे कोई उखाड़ भी नहीं पाया.
Credit: Pinterestपश्चाताप का प्रतीक
भगवान राम से विवाद के बाद परशुराम जी को जब अपनी गलती का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसी स्थान पर तपस्या के लिए फरसा गाड़ दिया था.
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