बेहद शक्तिशाली है भगवान परशुराम का फरसा


2025/04/29 15:46:53 IST

Parashurama_Jayanti_2025_(6)

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भगवान परशुराम का जन्म

    भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं. इनका जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी जयंती मनाई जाती है.

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चिरंजीवी महापुरुषों में से एक

    परशुराम जी उन आठ अमर (चिरंजीवी) महापुरुषों में से एक हैं, जो आज भी जीवित माने जाते हैं.

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भगवान शिव से मिला फरसा

    भगवान परशुराम को उनका दिव्य फरसा (परशु) भगवान शिव से घोर तपस्या के बाद वरदान में मिला था.

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अन्याय के विनाश का अस्त्र

    इस फरसे की मदद से परशुराम जी ने अत्याचारी हैहयवंशी क्षत्रियों का 36 बार संहार किया था.

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अब कहां है फरसा?

    माना जाता है कि झारखंड के गुमला जिले में टांगीनाथ धाम में भगवान परशुराम का वही फरसा आज भी मौजूद है.

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कभी नहीं लगी जंग

    यह फरसा खुले आकाश के नीचे है, फिर भी इसमें कभी जंग नहीं लगा, और इसे कोई उखाड़ भी नहीं पाया.

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पश्चाताप का प्रतीक

    भगवान राम से विवाद के बाद परशुराम जी को जब अपनी गलती का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसी स्थान पर तपस्या के लिए फरसा गाड़ दिया था.

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