भगवान विष्णु ने बचाए थे प्रह्लाद के प्राण, आग में जलकर खाक हुई होलिका


2024/03/23 11:43:08 IST

होलिका दहन

    देश में हर साल होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इससे एक दिन पहले होली का दहन की पूजा की जाती है.

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प्रह्लाद की कथा

    होली के त्योहार से प्रह्लाद की कथा जुड़ी है, जिसे उसके माता पिता ने कई बार मारने की कोशिश की थी.

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हिरण्यकश्यप

    सतयुग में हिरण्यकश्यप राक्षसों का राजा था. भगवान विष्णु की घोर तपस्या के बाद उसे ब्रह्मा से अमर होने का वरदान मिला, लेकिन इसके बाद वह घमंडी हो गया.

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प्रह्लाद को मारने की कोशिश

    हिरण्यकश्यप खुद को भगवान मानने लगा और उसका बेटा नारायण की पूजा-अर्चना करने लगा जो हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं आई. उसने अपने बेटे को मारने की कोशिशि की.

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होलिका के साथ साजिश

    हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ षड़यंत्र रचा. उसने वरदान था कि उसे अग्नि नहीं जला सकती और वो प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई.

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प्रह्लाद की बची जान

    होलिका को वरदान था कि वो अकेली आग में जाएगी तो उसे कुछ नहीं होगी. लेकिन वो प्रह्लाद को लेकर आग में गई. फिर होलिका जल गई और भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद को बचा लिया.

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गुलाल

    उसी दिन से होली को जलाने और भक्त प्रह्लाद के बचने की खुशी में अगले दिन रंग गुलाल लगाए जाते हैं.

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