क्यों रखा जाता है करवा चौथ का व्रत


2025/10/08 15:38:33 IST

पति-पत्नी के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक

    करवा चौथ का व्रत हिंदू परंपरा में पति-पत्नी के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. इस व्रत को रखने के पीछे कई धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं.

Credit: AI Generated

पति की लंबी उम्र के लिए

    महिलाएं यह व्रत अपने पति की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना के लिए रखती हैं. यह प्रेम और आस्था का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है.

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वैवाहिक सुख और समृद्धि के लिए

    माना जाता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से दांपत्य जीवन में खुशहाली, सौहार्द और स्थिरता बनी रहती है.

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धार्मिक महत्व

    पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था. उसी की स्मृति में यह व्रत किया जाता है ताकि स्त्रियों को पार्वती जैसी सौभाग्यशाली जीवनसंगिनी का वरदान मिले.

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निर्जला व्रत

    करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं, जो सास द्वारा दी जाती है. इसके बाद दिनभर बिना जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं.

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चंद्रमा के दर्शन के बाद खोला जाता है व्रत

    संध्या के समय महिलाएं सोलह श्रृंगार कर के पूजा स्थल पर बैठती हैं और करवा माता की कथा सुनती सुनाती हैं. रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद, महिलाएं छलनी से चांद और अपने पति का चेहरा देखती हैं और फिर पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं.

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Disclaimer

    इस स्टोरी में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषय गणनाओं पर आधारित है. JBT यहां दी गई जानकारी की किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.

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