क्यों है भगवान शिव का रंग नीला


2025/08/24 18:34:12 IST

समुद्र मंथन की कथा

    समुद्र मंथन से निकले विष हलाहल को भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए पी लिया. इसी कारण उनका गला नीला हो गया और उन्हें नीलकंठ कहा गया.

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विष का प्रभाव

    विष अत्यंत घातक था, परंतु शिव ने उसे अपने गले में रोक लिया. उसका असर उनके शरीर पर नीले रंग के रूप में दिखाई दिया.

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प्रतीकात्मक अर्थ

    नीला रंग विशालता, अनंतता और गहराई का प्रतीक है. शिव को ब्रह्मांड की अनंतता और असीमता से जोड़ा जाता है.

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शक्ति और सहनशीलता

    नीला रंग विशालता, अनंतता और गहराई का प्रतीक है. शिव को ब्रह्मांड की अनंतता और असीमता से जोड़ा जाता है.

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करुणा और त्याग

    नीले गले का अर्थ है कि शिव दूसरों के दुख अपने ऊपर ले लेते हैं. वे दयालु और त्यागी देवता हैं.

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नीला रंग और आकाश

    आकाश और समुद्र की तरह शिव भी असीम और अनंत हैं. उनका नीला रंग इसी दिव्यता का द्योतक है.

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Disclaimer

    ये स्टोरी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता हैं.

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