सरोगेट्स के लिए सरकार का बड़ा कदम!

सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए नए नियम लेकर आई है कि सरोगेट माताओं को किसी भी अप्रत्याशित चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवरेज मिले जो गर्भावस्था या गर्भावस्था के बाद की जटिलताओं से जुड़ी हो सकती है।

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सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए नए नियम लेकर आई है कि सरोगेट माताओं को किसी भी अप्रत्याशित चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवरेज मिले जो गर्भावस्था या गर्भावस्था के बाद की जटिलताओं से जुड़ी हो सकती है। नवीनतम सरोगेसी (विनियमन) नियमों के अनुसार, जो जोड़े सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बनना चाहते हैं, उन्हें 36 महीने की अवधि के लिए सरोगेट मां को सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना होगा।

बीमा कवरेज किसी भी गर्भावस्था से संबंधित मुद्दों के साथ-साथ जन्म के बाद प्रसव से संबंधित जटिलताओं के भुगतान के लिए पर्याप्त होना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 21 जून को प्रकाशित दिशानिर्देशों के अनुसार, सरोगेट मां पर किसी भी सरोगेसी प्रक्रिया का प्रयास करने की संख्या तीन से अधिक नहीं होनी चाहिए। हाल ही में जारी सरोगेसी (विनियमन) नियमों के अनुसार, जो जोड़े माता-पिता बनने के लिए सरोगेसी का रास्ता अपनाने का इरादा रखते हैं, उन्हें 36 महीने की अवधि के लिए सरोगेट मां के पक्ष में एक सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवरेज खरीदना होगा।

बीमा राशि गर्भावस्था से उत्पन्न होने वाली सभी जटिलताओं और प्रसवोत्तर प्रसव संबंधी जटिलताओं के खर्चों को कवर करने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 21 जून को अधिसूचित नियमों के अनुसार, सरोगेट मां पर किसी भी सरोगेसी प्रक्रिया के प्रयासों की संख्या तीन गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए।

First Updated : Thursday, 23 June 2022